कामधेनु गाय की मूर्ति
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कामधेनु गाय की मूर्ति को एक शक्ति भी माना जाता है, क्योंकि वास्तु के अनुसार इसमें मां दुर्गा, धन की देवी मां लक्ष्मी और देवी सरस्वती के गुण भी मौजूद होते
जहां भी कामधेनु गाय अपने बछड़े के साथ निवास करती है वह घर खुशियों से भरा होता है ऐसा शास्त्रों में वर्णित है।
वास्तु की मान्यताओं के अनुसार, घर में कामधेनु की मूर्ति लाना, खासतौर पर वो जिसमें मनोकामना पूरी करने वाली गाय अपने बछड़े नंदिनी के साथ होती है, आपकी मनोकामना पूरी करने के अलावा निश्चित ही सौभाग्य, समृद्धि और घर में खुशहाली लाती है। माना जाता है कि एक माँ की तरह कामधेनु आपके घर से सभी बीमारियों को दूर रखती है।
सुरभि, कामदुघा, कामदुह और सावला जैसे उपनामों से जानी जाने वाली कामधेनु की मूर्ति को रखना खराब स्वास्थ्य, मानसिक तनाव और वित्तीय समस्याओं से भी छुटकारा पाने में सहायक होगा क्योंकि यह ब्रह्मांडीय गाय पोषण, शांति और समृद्धि का प्रतीक है। पुराणों के अनुसार, कामधेनु “अद्भुत शक्तियों और सिद्धियों वाली देवी है”, और “आज की दुनिया के सभी मवेशी कामधेनु के वंशज हैं।”
कामधेनु गाय की मूर्ति एक ऐसी शक्ति के रूप में देखी जाती है जो धन की देवी लक्ष्मी, ज्ञान की देवी सरस्वती और शक्ति की देवी दुर्गा के सभी गुणों को जोड़ती है। यह सभी प्रकार की समस्याओं– मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक या वित्तीय के लिए एक ही इलाज के तौर पर देखी जाती है।
दरअसल हिंदू धर्म में गाय के महत्व के कुछ आध्यात्मिक और चिकित्सकीय कारण भी रहे हैं। यह अपने जीवन काल में तो मनुष्य उपयोगी वस्तुएं देती हैं मरणोपरांत भी मनुष्य के उपयोग के लिए कुछ देकर ही जाती है। इनका चमड़ा, सींग, गोबर, मूत्र और हड्डियां भी उपयोगी हैं।
गाय हर हाल में मनुष्य का हित ही करती है, इसीलिए हिंदू धर्म में इसे माता का दर्जा देते हुए “गौ माता” की संज्ञा दी गई है। वैदिक काल से ही भारत में गायों को एक विशेष स्थान दिया गया है।
समग्र स्वास्थ्य और खुशाली लाने वाली गाय और बछड़े की मूर्तियाँ आपके घर में निम्नलिखित सकारात्मक प्रभावों को लाने में आपकी मदद करेंगी:
• स्वास्थ्य
• संपत्ति
• समृद्धि
• शांति
• सफलता
• सकारात्मकता
ऐसा माना जाता है कि गाय और बछड़े की मूर्तियाँ उन घरों के लिए मददगार होती हैं जहाँ दंपति को बच्चे पैदा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हो। इन्हें कामनाओं को प्रदान करने वाले कामधेनु की उपाधि दी गई ईशान कोण अगर आपके घर में कामधेनु गाय की मूर्ति है या खरीदकर लाने की सोच रहे हैं तो इसे ईशान कोण यानी पूर्वोत्तर दिशा में लगाएं. इस दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है. इस दिशा में कामधेनु गाय की मूर्ति लगाने से शुभ लाभ की प्राप्ति होती है.
पूजा घर इसके अलावा कामधेनु गाय की मूर्ति को पूजा घर या पूजा करने वाले स्थाप पर भी स्थापित कर सकते हैं. वहीं, इस मूर्ति को घर के मुख्य दरवाजे पर भी लगाया जा सकता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. गाय की तस्वीर कामधेनु गाय की प्रतिमा किसी भी धातु में लगाई जा सकती है. अगर आप धातु की मूर्ति नहीं खरीद पा रहे हैं तो इनकी फोटो भी लगा सकते हैं. मान्यता है कि कामधेनु गाय में मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और देवी सरस्वती के गुण मौजूद होते हैं.
वास्तु शास्त्र हमारे जीवन का एक बहुत ही अहम हिस्सा है। बहुत कम लोग इस बात को मानते है के वास्तु शास्त्र हमारे जीवन का हिस्सा है लेकिन शास्त्रों के अनुसार माना जाता है के अगर हमारे घर में वास्तु दोष हो तो उसका प्रभाव हमारे जीवन बहुत समय के बाद दिखता है। अब लोग वास्तु शास्त्र को बहुत महत्व देते है। लोग अपना घर भी वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाते है। कहा जाता है के अगर हमारे घर की कोई भी वस्तु वास्तु शास्त्र के विपरीत रखी गई होतो उसका जीवन पर बहुत अधिक असर पड़ता है।आइए जानते है के वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे घर की कौन सी वस्तु किस स्थान पर होनी चाहिए :
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